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सरकार ने जारी की चेतावनी, WhatsApp मैसेज में आए इस लिंक पर गलती से भी न करें क्लिक!

Rohini Singh

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कोरोना के चलते बड़ी संख्या में लोग घर से ऑफिस का काम कर रहे है. ऐसे में मजबूरन लोगों को इंटरनेट और वॉट्सऐप का ज्यादा इस्तेमाल करना पड़ रहा है. जिसका फायदा साइबर अपराधी फ्रॉड करने के लिए उठा रहे हैं.
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साइबर अपराधी बल्क में वॉट्सऐप पर फेक मैसेज भेज रहे है.

कोरोना महामारी के दौरान देश में बैंकिंग फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है. जिसकी एक बड़ी वजह इस दौरान इंटरनेट और वॉट्सऐप का बढ़ता इस्तेमाल भी है. दरअसल कोरोना के चलते बड़ी संख्या में लोग घर से ऑफिस का काम कर रहे है. ऐसे में मजबूरन लोगों को इंटरनेट और वॉट्सऐप का ज्यादा इस्तेमाल करना पड़ रहा है. जिसका फायदा साइबर अपराधी फ्रॉड करने के लिए उठा रहे हैं. आपको बता दें इन दिनों वॉट्सऐप पर एक मैसेज सर्कुलेट हो रहा है. जिसमें कोरोना महामारी राहत फंड पाने के लिए एक लिंक दिया हुआ है. यदि आपके पास भी ऐसा ही कोई मैसेज आया है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. क्योंकि आपने जैसे ही इस लिंक पर क्लिक किया वैसे ही आपकी सारी डिटेल साइबर अपराधियों के पास पहुंच जाएगी और वह इसका कभी भी फायदा उठा सकते है. आइए जानते है इससे कैसे बचा जा सकता है.

साइबर अपराधी कैसे भेजते है मैसेज- सरकार की ओर से जारी चेतावनी में बताया गया है कि साइबर अपराधी बल्क में वॉट्सऐप पर मैसेज भेज रहे है. जिसमें साइबर अपराधी सरकार की ओर से कोरोना महामारी राहत फंड जारी करने की बात कहते है और अपने मैसेज में एक लिंक शेयर करते है. इस मैसेज में यूजर्स को दिए गए लिंक पर क्लिक करने और जरूरी डिटेल भरने के लिए कहा जाता है. यदि आप साइबर अपराधियों के प्रलोभन में आ गए और आपने अपनी निजी डिटेल उनके साथ शेयर किए. तो आप कभी भी साइबर फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं.


सरकार ने जारी किया अलर्ट- दरअसल सरकार की ओर से PIB Fact Check के ट्विटर हैंडल पर इस बारे में जानकारी दी गई है. इस ट्वीट में ऐसे किसी भी मैसेज को पूरी तरह से फेक बताया गया है. सरकार की ओर से कहा गया है कि कोविड 19 को लेकर ऐसा कोई फंड जारी नहीं किया है. ऐसे में यूजर्स को अलर्ट रहने की जरूरत है. ट्वीट में स्पष्ट किया गया है कि गलती से भी इस मैसेज को किसी को फॉरवर्ड न करें. इसके अलावा ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक न करने की सलाह दी गई है. सरकार ने चेतावनी दी है कि इस तरह के मैसेज आपके फोन को हैक कर सकते हैं. आपका डाटा चोरी कर बैंक अकाउंट में भी सेंध लगा सकते हैं.

1.30 लाख रुपये प्रत्येक व्यक्ति को देने कही बात- साइबर अपराधियों की ओर से फेक मैसेज में 1.30 लाख रुपये केंद्र सरकार की ओर से कोविड-19 फंड के तौर पर सभी नागरिकों को देने की बात कही जा रही है. फेक मैसेज में 18 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों को फंड मिलने की बात कही गई है. आपको बता दें जानकारी के अभाव में बहुत से यूजर्स अपनी डिटेल दिए गए लिंक पर शेयर कर देते है और साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाते है.

फर्जी मैसेज से कैसे बचें?- सरकार की ओर से समय-समय पर फेक मैसेज के बारे में अलर्ट जारी किया जाता है. इसके साथ ही आपको किसी अनजान नंबर से आए मैसेज पर भरोसा नहीं करना चाहिए और ऐसे मैसेज को फॉरवर्ड करने से बचना चाहिए. जिससे कोई ओर यूजर फ्रॉड का शिकार न हो

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PM Ujjwala Yojana Application Form : अभी करें योजना के लिए आवेदन मिलेंगे फ्री गैस सिलेंडर यह है पूरी जानकारी!

Rohini Singh

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प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ( Pradhan Mantri Ujjwala Yojana ) का उद्देश्य बीपीएल में रहने वाले परिवारों को बिना किसी लागत के एलपीजी ( LPG ) प्रदान करके इस अंतर को कम करना है ! जबकि उद्देश्य पूरे परिवार को यह स्वच्छ खाना पकाने के गैस लाभ प्रदान करना है, इसका दूसरा उद्देश्य है। और यह देश की उन महिलाओं को सशक्त बनाना है जो घर चलाती हैं। इसलिए यह प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ( PM Ujjwala Yojana ) घर की महिला को प्रत्यक्ष लाभार्थी होने के साथ गैस प्रदान करने की परिकल्पना करती है। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों, उनकी महिलाओं को इस फ्री एलपीजी गैस कनेक्शन ( Free LPG Gas Connection ) के द्वारा सशक्त किया जाएगा। ताकि वे मुफ्त रसोई गैस (Free cooking gas) की आपूर्ति के मुख्य ग्राहक बन सकेंसकें।

सरकार ने मौजूदा केंद्रीय बजट में इस प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ( Pradhan Mantri Ujjwala Yojana ) को पूरा करने के लिए 2000 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं और योजना में लगभग 1.5 उपभोक्ताओं तक पहुंचने की परिकल्पना की है ! इस योजना के तहत फ्री एलपीजी गैस कनेक्शन ( Free LPG Gas Connection ) के लिए सभी आवश्यक जानकारी देनी होगी ।इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए अब केवल एक सप्ताह शेष है। यहां देखें कैसे रजिस्टर करें! यह प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना पेट्रोलियम ( Prime Minister Ujjwala Yojana Petroleum ) और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सहयोग से चलाई जा रही है जो मुख्य रूप से महिलाओं के लिए है। यह योजना गरीबों को फ्री एलपीजी गैस कनेक्शन ( Free LPG Gas Connection ) देने का इरादा रखती है।

रसोई गैस कनेक्शन पाने के लिए यहां देखें:-

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की वेबसाइट http://pmujjwalayojana.com पर जाएं
होम पेज पर उतरने पर, “डाउनलोड फ़ॉर्म” विकल्प पर क्लिक करें । फॉर्म दिखाई देगा जिसे आपको डाउनलोड करना चाहिए।
फॉर्म में आवश्यक विवरण भरें और इसे निकटतम गैस एजेंसी में जमा करें ।
आवेदक फॉर्म के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज भी जमा करें ।
दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको कनेक्शन मिलने की संभावना है ।
http://www.pmuy.gov.in नई बीपीएल सूची नि: शुल्क गैस सिलेंडर।

सरकार गरीबी रेखा से नीचे आने वाले बीपीएल परिवारों को मुफ्त में गैस कनेक्शन प्रदान कर रही है।इस प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ( Pradhan Mantri Ujjwala Yojana ) का लाभ उन महिलाओं के लिए होगा जो अभी भी पुराने ईंधन (चूल्हे में लकड़ी) को जलाकर खाना पकाती हैं ! जिसके कारण महिलाओं का स्वास्थ्य खराब होता है ! इसलिए, केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ मिलकर इस प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ( Pradhan Mantri Ujjwala Yojana ) 2020 की शुरुआत की है।

तो उन सभी परिवारों के पास जिनके पास एलपीजी कनेक्शन नहीं है, योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ( Pradhan Mantri Ujjwala Yojana ) का लाभ राज्य के सभी बीपीएल परिवारों को फ्री एलपीजी गैस कनेक्शन ( Free LPG Gas Connection ) के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। फॉर्म में आवश्यक विवरण भरें और इसे निकटतम गैस एजेंसी में जमा करें।आवेदक फॉर्म के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज भी जमा करें ।दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको फ्री एलपीजी गैस कनेक्शन ( Free LPG Gas Connection ) मिलने की संभावना है।

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आपके PAN Card पर लिखे नंबर में छिपी होती हैं कई रोचक जानकारियां, जानिए इनके बारे में!

Rohini Singh

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नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पैन कार्ड मौजूदा समय में वित्तीय लेनदेन के लिए प्रमुख साधन है। पैन का इस्तेमाल आईडी कार्ड के रूप में होता है। अगर आप संगठित क्षेत्र में काम करते हैं तो सैलरी प्राप्त करने के लिए पैन कार्ड का होना जरूरी है। यह 10 डिजिट का अल्फान्यूमेरिक नंबर होता है, जिसे हर कोई समझना चाहता है। आपके पास भी पैन कार्ड होगा, जिसमें जन्म की तारीख के ठीक नीचे पैन (Permanent Account Number) अंकित होगा। बता दें कि पैन कार्ड पर दर्ज इन अल्फान्यूमेरिक नंबरों का एक खास मतलब होता है और इनमें किसी तरह की जानकारियां छिपी होती हैं।

पैन कार्ड में लिखे जन्मतिथि के ठीक नीचे एक अल्फान्यूमेरिक नंबर अंकित है। पैन की शुरुआत अंग्रेजी के कुछ लेटर्स के साथ होती है, जो बड़े अक्षरों में लिखे होते हैं।  

आयकर विभाग के मुताबिक किसी भी पैन के शुरुआती तीन डिजिट अंग्रेजी के अल्फाबेटिक सीरीज को दर्शाते हैं। इस अल्फाबेटिक सीरीज में AAA से लेकर ZZZ तक में कोई अंग्रेजी के किसी भी तीन अक्षर की सीरीज हो सकती है। इसे आयकर विभाग तय करता है।

पैन का चौथा अक्षर आयकरदाता के स्टेटस को दिखता है। मसलन चौथे स्थान पर अगर P है तो यह दिखाता है कि यह पैन नंबर पर्सनल है यानी किसी एक व्यक्ति का है।F से पता चला चलता है कि वह नंबर किसी फर्म का है। 

इसी तरह C से कंपनी, AOP से एसोसिएशन ऑफ पर्सन, T से ट्रेस्ट, H से अविभाजित हिन्दू परिवार, B से बॉडी ऑफ इंडिविजुअल, L से लोकल, J से आर्टिफिशियल ज्युडिशियल पर्सन, G से गवर्नमेंट का पता चलता है।

पैन का पांचवां डिजिट अंग्रेजी का एक अक्षर होता है। यह पैनकार्ड धारक के सरनेम के पहले अक्षर को दिखाता है। उदाहरण के लिए किसी का सरनेम कुमार या खुराना है तो पैन का पांचवां डिजिट K होगा। 

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Ladakh Standoff:- लद्दाख से सेना हटाने पर भारत-चीन में गतिरोध बढ़ा, ठंड में सैनिकों के पीछे हटने की उम्‍मीद लगभग खत्‍म!

Rohini Singh

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पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच प‍िछले सात महीने से जारी गतिरोध जल्‍द सुलझने की उम्‍मीद लगभग खत्‍म हो गई है। भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच 8 दौर की वार्ता के बाद भी सहमति नहीं बन पाई है।

हाईलाइट्स:-

1. भारत और चीन के बीच कई दौर की वार्ता के बाद भी सेना के हटाने पर कोई सहमति नहीं बन पाई है।
2.इससे यह लगभग तय हो गया है कि दोनों ही देशों के सैनिकों को कई महीने तक बने रहने होगा।
3.पिछले सात महीने से चला रहा भारत-चीन का सैन्‍य गतिरोध अभी भी जस का तस बना हुआ है।

लद्दाख से सैनिकों के हटाने में आया बड़ा गतिरोध
रजत पंडित
भारत और चीन के बीच कई दौर की वार्ता के बाद भी पूर्वी लद्दाख से सेना के हटाने पर कोई सहमति नहीं बन पाई है। इससे अब यह लगभग तय हो गया है कि दोनों ही देशों के सैनिकों को जमा देने वाली ठंड के बीच आने वाले कई महीने तक बने रहने होगा। गत 6 नवंबर को कोर कमांडरों के बीच 8 दौर की वार्ता के बाद भी अब तक दोनों ही देशों के बीच कोई भी ठोस प्रगति नहीं हुई है। इससे पिछले सात महीने से चला रहा है, सैन्‍य गतिरोध अभी भी जस का तस बना हुआ है।

एक सूत्र ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्‍स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, ‘आपसी सहमति से पीछे हटने की शर्तों और कदमों पर सहमति नहीं होने से वार्ता लगभग थम गई है। चीन ने अभी तक नौंवे दौर की सैन्‍य वार्ता के लिए कोई तिथि नहीं बताई है।’ बताया जा रहा है कि चीन अभी भी इस बात पर अड़ा हुआ है कि सेना को पीछे हटाने के प्रस्‍ताव को पैंगोंग झील-चूशूल इलाके के दक्षिणी किनारे से लागू किया जाए जहां पर भारतीय सैनिक 29 अगस्‍त से ही रणनीतिक रूप से ड्रैगन पर बढ़त बनाए हुए हैं।

देपसांग के मैदानी इलाके को लेकर भी सवाल
उधर, भारत ने जोर दिया है कि सैनिकों की वापसी की शुरुआत पैंगोंग झील के उत्‍तरी किनारे से किया जाए जहां पर फिंगर 4 से लेकर फिंगर 8 तक के 8 किमी के इलाके पर चीनी सेना ने मई महीने से ही कब्‍जा जमा रखा है। दोनों देशों के बीच यह विवाद का विषय बना हुआ है। यही नहीं फिंगर इलाके में पीछे हटने की दूरी को लेकर भी कुछ मतभेद दोनों ही देशों की सेनाओं के बीच बना हुआ है। इसके अलावा रणनीतिक रूप से बेहद अहम देपसांग के मैदानी इलाके को लेकर भी सवाल बना हुआ है।

देपसांग में पिछले सात महीने से चीनी सेना भारतीय सैनिकों को गश्‍त से रोक रही है। बताया जा रहा है कि 8वें दौर की वार्ता के बाद भारत और चीन काफी हद तक इस बात को लेकर सहमत हो गए थे कि सैनिकों, टैंक, तोपों और आर्मर्ड वीइकल को पैंगोंग झील-चूशूल इलाके के अग्रिम मोर्चे से पीछे ढकेला जाए। इससे इस संकट के जल्‍द समाधान की उम्‍मीद जगी थी लेकिन अभी तक सैनिकों को पीछे हटाने पर कोई सहमति नहीं बन पाई है।


भारत को सैनिकों को हटाने में जल्‍दीबाजी नहीं करनी चाहिए
चीन और भारत दोनों ने ही करीब 50-50 हजार सैनिकों को इस इलाके में तैनात कर रखा है। भारतीय सुरक्षा प्रतिष्‍ठानों का मानना है कि अगर शीर्षतम राजनीतिक-कूटनीतिक स्‍तर पर हस्‍तक्षेप नहीं हुआ तो दोनों देशों के सैनिकों की वर्तमान तैनाती ही एलएसी में बदल जाएगी। उधर, वरिष्‍ठ अधिकारियों ने जोर देकर कहा है कि भारत को सैनिकों को हटाने में कोई जल्‍दीबाजी नहीं करनी चाहिए। साथ ही हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भारतीय सैनिक रणनीतिक रूप से खराब स्थिति में न पहुंच जाएं।

एक अधिकारी ने कहा कि 15 हजार फुट की ऊंचाई पर यह बहुत कठिन सर्दी का मौसम होने जा रहा है। इस इलाके में पहले ही तापमान माइनस 20 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। तीखी हवाएं चल रही हैं और ऑक्‍सीजन का स्‍तर भी कम हो गया है। हालांकि चीन के सैनिकों को भी भारत के व‍िपरीत पहली बार इसी तरह की दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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