US election 2020: Early voting records smashed amid enthusiasm wave! - TODAY NEWS BIHAR
Connect with us

INDIA

US election 2020: Early voting records smashed amid enthusiasm wave!

Rohini Singh

Published

on

16 October 2020 US Election 2020
Share this with Email Share this with Facebook Share this with Twitter Share this with Whatsapp
Image copyrightGETTY IMAGESPensioners queuing to vote earlier this month
Image captionPensioners queuing to vote in Indiana earlier this month
State election officials across the US are reporting record numbers of voters casting their ballots ahead of election day on 3 November.

More than 22m Americans had voted early by Friday, either in person or by mail, according to the US Election Project.

At the same point in the 2016 race, about 6m votes had been cast.

Experts say the surge in early voting correlates to the coronavirus pandemic, which has caused many people to seek alternatives to election day voting.

Why we might not get a result on election night
On Tuesday, Texas, a state that has relatively tight restrictions on who can qualify for postal voting, set a record for most ballots cast on the first day of early voting.

On Monday, the Columbus Day federal holiday, officials in Georgia reported126,876 votes cast – also a state record.

In Ohio, a crucial swing state, more than 2.3m postal ballots have been requested, double the figure in 2016.


Video captionEarly voters have formed long queues in several states across the US
Reports indicate that registered Democrats have so far outvoted registered Republicans – casting more than double the number of ballots. And of these early voting Democrats, women and black Americans are voting in particularly high numbers. Some are motivated by dislike for Donald Trump, while others have been energised by racial justice protests throughout the summer following the police killing of George Floyd in Minnesota.

World reacts to long queues of voters in US:-
What is US row over postal service about?
But this early advantage does not mean that Democrats can already claim victory. Republicans, who claim postal voting is vulnerable to fraud, say Democrats may win the early vote, but that Republicans will show up in large numbers on election day.

According to a 2017 study by the Brennan Center for Justice, the rate of voting fraud overall in the US is between 0.00004% and 0.0009%.

The enormous numbers of voters have led to long lines, with some people waiting for up to 11 hours for an opportunity to vote.

Younger people, who historically have been difficult to get to the polls, appear to be turning out in larger numbers this year. The youth vote may be the highest its been since 2008 for the election of Barack Obama – the country’s first black president.

A recent survey by Axios found that four in 10 university students said they planned to protest if Mr Trump wins. Six in 10 said they would shame friends who could vote but choose not to.

By contrast, only 3% of surveyed students said they would protest if Joe Biden was elected.

Link box banner top
A simple guide to the US election
How is Donald Trump doing in the polls?
Who will be the next US president? You decide
Does US postal voting lead to ‘tremendous fraud’?
Link box banner bottom
Your questions answered banner
What questions do you have about the US election?

In just three weeks, Americans head to the polls to cast their vote for Donald Trump or Joe Biden. What questions do you have for American voters? Submit your questions here and we’ll put them to our voter panel.

Up Next

खुशखबरी: रिकॉर्ड स्तर से Gold हुआ 5547 रुपये तक सस्ता, अगले कुछ दिनों में इस वजह से गिर सकती हैं कीमतें!

Don't Miss

Paytm से पेमेंट करना होगा महंगा,Paytm में क्रेडिट कार्ड से मनी ऐड करने पर लगेगा चार्ज!

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

INDIA

खाली हाथ पहुंचें स्टेशन, रेलवे आपका सामान घर से लाकर ट्रेन में पहुंचाएगी?

Rohini Singh

Published

on

बहुत कम शुल्क पर रेलयात्रियों को सामान की डोर-टू-डोर सेवा फर्म द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। यात्रियों के घर से उनका सामान रेलगाड़ी में उसके कोच तक अथवा उसके कोच से उसके घर तक सुगमता से पहुंचाया जाएगा।

भारतीय रेल पहली बार बैग्स ऑन व्हील्स सेवा की शुरुआत करने जा रही है। उत्तर रेलवे का दिल्ली मंडल रेलयात्रियों के लिए ऐप आधारित बैग्स ऑन व्हील्स सेवा शुरू करने वाला है। उत्तर और उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने बताया कि रेलवे लगातार नए उपायों से राजस्व को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इसी दिशा में काम करते हुए दिल्ली मंडल गैर-किराया-राजस्व अर्जन योजना (NINFRIS) के अंतर्गत ऐप आधारित बैग्स ऑन व्हील्स सेवा के लिए तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए ठेका छूटने ही वाला है। भारतीय रेल पर रेलयात्रियों के लिए यह अपनी तरह की पहली सेवा होगी।

एंड्रॉयड औक आईफोन पर यह ऐप उपलब्ध
BOW (Bags on Wheels) ऐप (एंड्रॉयड और आईफोन उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध होगा) के द्वारा रेलयात्री अपने सामान को अपने घर से रेलवे स्टेशन तक लाने अथवा रेलवे स्टेशन से घर तक पहुंचाने के लिए आवेदन करेंगे । यात्री का सामान सुरक्षित तरीके से लेकर रेलयात्री के बुकिंग विवरण के अनुसार उसके कोच/घर तक पहुंचाने का कार्य ठेकेदार द्वारा किया जाएगा ।

डोर-टू-डोर सेवा
नाम मात्र के शुल्क पर रेलयात्रियों को सामान की डोर-टू-डोर सेवा फर्म द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी और यात्री के घर से उसका सामान रेलगाड़ी में उसके कोच तक अथवा उसके कोच से उसके घर तक सुगमता से पहुंचाया जाएगा । यह सेवा रेलयात्रियों विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग जनों और अकेले यात्रा कर रही महिला यात्रियों के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगी ।

यात्रा शुरू होने से पहले पहुंच जाएगा सामान
इस सेवा की खास खूबी यह है कि सामान की सुपुर्दगी रेलगाड़ी के प्रस्थान से पहले सुनिश्चित की जाएगी । इसके फलस्वरूप यात्री कोच तक सामान लाने/ले जाने की परेशानी से मुक्त हो एक अलग ही प्रकार की यात्रा का अनुभव करेंगें । शुरूआत में यह सेवा नई दिल्ली, दिल्ली जंक्शन, हजरत निजामुद्दीन, दिल्ली छावनी, दिल्ली सराय रौहिल्ला, गाजियाबाद और गुरुग्राम रेलवे स्टेशनों से चढ़ने वाले रेलयात्रियों के लिए उपलब्ध होगी।

अब बैग्स ऑन व्हील्स सेवा का उठाएं लाभ
इस सेवा से न केवल यात्री लाभान्वित होंगे बल्कि रेलवे को भी सालाना 50 लाख रुपए के गैर किराया राजस्व की प्राप्ति के साथ ही साथ में एक वर्ष की अवधि के लिए 10% की हिस्सेदारी भी प्राप्त होगी। भारतीय रेलवे के यात्रियों ने अब तक पैलेस ऑन व्हील्स सेवा का आनंद उठाया है, अब वे बैग्स ऑन व्हील्स सेवा का भी आनन्द ले सकेंगे।

Continue Reading

BIHAR

बिहार विश्वविद्यालय:- स्नातक पार्टी थर्ड साहित सभी परीक्षाएं छठ पूजा के बाद ही होंगी!

Rohini Singh

Published

on

बिहार विश्वविद्यालय:- BRABU की आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं के आयोजित होने की तिथि और बढ़ाई जानी तय हो चुका है। बिहार विश्वविद्यालय की जितनी भी परीक्षाएं होने वाली थी वो छठ पूजा तक टाल दी गई है। अब सभी परीक्षाओं का आयोजन छठ पूजा के बाद ही होगी।

बिहार विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनोज कुमार का कहना है कि सभी कॉलेजों में चुनाव के लिए CRPF की फोर्स को ठहराया गया है। इसलिए उन्हें परीक्षाओं के लिए फॉर्म भरने की तिथि और नामांकन दाखिल कराने की तिथि में फेर बदल करनी पड़ी जिसके कारण बिहार विश्वविद्यालय की आयोजित होने वाली परीक्षाओं को भी अभी के लिए टालना पड़ा।

दूसरी दिक्कत यह है कि परीक्षाओं की तिथि अभी घोषित नहीं की जा सकती है क्योंकि 27 ऑक्टूबर तक तो दुर्गा पूजा की ही छुट्टी दी गई है। इसके बाद परीक्षाएं होने एक और बार रुकावट है बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव।विधानसभा चुनाव के दौरान परीक्षाएं नहीं कराई जा सकती हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव के बाद फिर दिवाली और छठ पूजा है जिसको लेकर भी दिवाली और छठ पूजा के दौरान छुट्टियां ही रहती है। जिसको लेकर बिहार विश्वविद्यालय ने सभी परीक्षाओं को छठ पूजा के बाद आयोजित होने का फैसला लिया है।

आपको बात दें कि इन सब से पहले बिहार विश्वविद्यालय ने ऑक्टूबर माह के अंत तक स्नातक पार्टी थर्ड की परीक्षाएं आयोजित करने का मन बनाया था

Continue Reading

BIHAR

Bihar Election Opinion Poll 2020: बिहार चुनाव में यादव, मुस्लिम और दलित वोटर कर सकते हैं बड़ा खेल, ओपिनियन पोल में समझें आंकड़ें!

Rohini Singh

Published

on

Bihar Election Opinion Poll 2020: प्रभात खबर चुनाव विश्लेषण में महारत रखनेवाली संस्थाओं लोकनीति और सीएसडीएस के विशेषज्ञों की मदद से बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के पहले चरण के मतदान के दो सप्ताह पहले पार्टियां या गठबंधन की स्थिति और मतदाताओं की मनोदशा को समझने की कोशिश कर रहा है।जानिए लोकनीति और सीएसडीएस के सर्वेक्षण की विस्तृत रिपोर्ट (Bihar Opinion Poll) क्या कहती है।


NDA MAJORITY: एनडीए को बढ़त
पिछले हफ्ते की स्थिति के अनुसार, मोटे तौर पर बात करें तो एनडीए (NDA) में शामिल चार दल – जेडीयू, बीजेपी, एचएएम (हम) और वीआइपी हैं, जो आरजेडी, कांग्रेस और तीन कम्युनिस्ट पार्टियों के महागठबंधन पर स्पष्ट बढ़त रखते हैं।10 से 17 अक्तूबर के दौरान बिहार के 37 विधानसभा क्षेत्रों के 3731 मतदाताओं के बीच चुनाव पूर्व सर्वेक्षण किया गया।इस सर्वेक्षण में पाया गया कि हर पांच मतदाताओं में दो से थोड़े कम की वोटिंग च्वाइस एनडीए थी।वहीं, महागठबंधन को लगभग एक तिहाई मतदाताओं द्वारा पसंद किया गया।

निर्दलीय और छोटे दल बिगाड़ सकते हैं खेल
वहीं, चुनावों के ठीक पहले एनडीए से अलग हुई लोजपा को छह प्रतिशत वोट मिले।एनडीए और महागठबंधन के बीच का यह गैप यदि चुनाव के दिन तक बना रहता है, तो नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए को बढ़त देने के लिए पर्याप्त होना चाहिए।निर्दलीय और छोटे दल जैसे आरएलएसपी, बीएसपी, एमआइएम, जाप और नवगठित प्लुरल पार्टी सभी मिल कर वोट का एक बड़ा हिस्सा (बिहार में असामान्य नहीं है) अपने पक्ष में कर सकते हैं।ये दल लोजपा के साथ मिल कर किसी का भी खेल बिगाड़ कर कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं, विशेष रूप से जहां क्लोज फाइट की गुंजाइश बन रही है।


कौन किसे करेगा वोट
वैसे तो एनडीए इस समय एक मजबूत स्थिति में दिखाई देता है, लेकिन सर्वेक्षण में यह पाया गया कि लगभग 10 प्रतिशत मतदाता यह सुनिश्चित नहीं कर पाये हैं कि वे किसे वोट देंगे।साथ ही 14 प्रतिशत मतदाता, जिन्हें प्रिफरेंस दिया गया, उन्होंने यह भी कहा कि वे वोटिंग डे के दिन तक अपनी वर्तमान पसंद को बदल सकते हैं।इसमें दो चीजें करने की क्षमता है – या तो एनडीए को एक बड़ी जीत की ओर ले जाना, या फिर मुकाबले को निकटतम बना कर चुनाव को अभी के अनुपात में और भी दिलचस्प बना देना।

यह बताना मुश्किल है कि ये मतदाता किस रास्ते पर जायेंगे। हमारे सर्वेक्षण में, अनिर्णय की स्थिति वाले मतदाताओं में सार्वाधिक गैर-साक्षर, दलित, मुस्लिम, कुशवाहा, महिला और बुजुर्ग पाये गये।इसके अलावा, बिहार में चुनाव पूर्व और बाद के सर्वेक्षणों में नतीजे अलग-अलग आये, वह इसलिए नहीं कि सर्वे खराब तरह से किये गये थे, बल्कि इसलिए क्योंकि वोटर का व्यवहार लगातार अस्थिर हुआ है।साथ ही इस दौर में आक्रामक प्रचार और वोटर आउटरीच की वजह से मतदाता में कम समय के अंतराल में भी शिफ्ट होने की प्रवृत्ति बढ़ी है। इसलिए कुछ भी खारिज नहीं किया जा सकता है।

50 प्रतिशत से ज्यादा लोग चाहते नीतीश सरकार
अभी के लिए, विभिन्न जातियों और समुदायों के वर्तमान झुकाव को देखते हुए यह प्रतीत होता है कि मतदान में एंटी-इनकंबेंसी की मजबूत भावना के बावजूद (सभी उत्तरदाताओं में से कम से कम हर पांच में से दो ने यह स्पष्ट किया कि वे सरकार की वापसी नहीं चाहते हैं) महागठबंधन पर एनडीए की बढ़त बनी रहेगी। एनडीए को यह लाभ काफी हद तक उच्च जाति, मध्यम ओबीसी व ईबीसी तथा मुसहर-महादलित एकीकरण के कारण है, क्योंकि इन समुदायों के आधे से अधिक मतदाता एनडीए की ओर झुकाव रखते हैं और चाहते हैं कि मौजूदा सरकार की सत्ता में वापसी हो।अगर एकसाथ देखा जाये तो इन समुदायों के मतदाताओं की संख्या 50 प्रतिशत से थोड़ी अधिक है।

महागठबंधन में ‘एम’ के मुकाबले ‘वाइ’ का मजबूत झुकाव
दूसरी तरफ राजद के नेतृत्व वाली महागठबंधन अपने पारंपरिक मुस्लिम-यादव (या एमवाइ जैसा कि जाना जाता है) गठबंधन (कुल मतदाताओं के एक तिहाई के आसपास) के बीच अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।‘एम’ के मुकाबले ‘वाइ’ का मजबूत झुकाव दिख रहा है।भूमिहारों को छोड़कर, एनडीए के मूल मतदाताओं में कोई बड़ी सेंध लगाने में एमजीबी असमर्थ है, कम-से- कम अभी तक तो ऐसा नहीं दिख रहा।दलित मतदाताओं में विशेष रूप से रविदास और पासवान नीतीश कुमार के सत्ता में बने रहने की तुलना में बाहर होते देखना चाहते हैं, लेकिन वे अपने वोट विकल्प को लेकर बुरी तरह से विभाजित हैं।वे आरएलएसपी, बीएसपी और एमआइएम द्वारा प्रदान किये गये तीसरे विकल्प की ओर आकर्षित भी लगते हैंहैं ।

नीतीश कुमार की दो चिंताएं
अब तक के हमारे चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में पता चलता है कि बुरी तरह से विभाजित विपक्ष के कारण एनडीए को लाभ मिल रहा है और नीतीश के विरोधी वोटों का बिखराव हो रहा है।लेकिन नीतीश कुमार के लिए अब भी दो चिंताएं हैं। एक तो पहले की तुलना में उनकी लोकप्रियता की रेटिंग में गिरावट आयी है, हालांकि वे अब भी किसी भी अन्य नेता की तुलना में अधिक लोकप्रिय हैं। वहीं जेडी (यू) के लिए दूसरी चिंता एलजेपी की क्षमता है, जो उनका खेल बिगाड़ने की भूमिका निभा रही है।

Continue Reading
Advertisement
OMG22 hours ago

काम करने गया पति दो साल बाद दूसरी औरत के साथ घर लौटा!

INDIA22 hours ago

खाली हाथ पहुंचें स्टेशन, रेलवे आपका सामान घर से लाकर ट्रेन में पहुंचाएगी?

BIHAR22 hours ago

बिहार विश्वविद्यालय:- स्नातक पार्टी थर्ड साहित सभी परीक्षाएं छठ पूजा के बाद ही होंगी!

INDIA3 months ago

देश की राजधानी दिल्ली में हुआ 14 साल की बच्ची का रेप!

BIHAR3 months ago

बिहार में हो रहे शिक्षक नियोजन में बार बार आ रही है रुकावटे देखिये आगे क्या हुआ

PATNA3 months ago

पटना की सेक्स रैकेट की खुलासा पैसे वालो के लिए होती थी खाश इंतजाम

Trending

  • INDIA3 months ago

    देश की राजधानी दिल्ली में हुआ 14 साल की बच्ची का रेप!

  • BIHAR3 months ago

    बिहार में हो रहे शिक्षक नियोजन में बार बार आ रही है रुकावटे देखिये आगे क्या हुआ

  • PATNA3 months ago

    पटना की सेक्स रैकेट की खुलासा पैसे वालो के लिए होती थी खाश इंतजाम

  • INDIA3 months ago

    पत्नी के थे  14 पुरुषों के साथ अवैध संबंध,पति ने किया 100 करोड़ के मानहानि का दावा!

  • INDIA3 months ago

    सुनीता यादव ने दे दिया अपने पद से स्तीफा! जाने क्या है पूरा मामला

  • BIHAR3 months ago

    तिरहुत नहर के तटबंध के टूट जाने से आस पास के गांव में तेजी से फैल रहा पानी!

  • INDIA3 months ago

    Breaking news- झारखण्ड सरकार का बरा फैसला

  • INDIA3 months ago

    सुशांत सिंह राजपूत के मौत पर CBI जाँच की मांग में आई तेजी!